निर्भया मामला : सुप्रीम कोर्ट से दोषी पवन गुप्ता को नहीं मिली राहत,सुधारात्मक याचिका हुई खारिज, फांसी से बचने ले लिए बचा है दया याचिका का विकल्प
देश की सर्वोच्च अदालत ने निर्भया मामले के चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत की पांच सदस्यीय बेंच ने पवन की उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें उसने मंगलवार सुबह 6 बजे होने वाली फांसी पर रोक की मांग की थी। पवन कुमार गुप्ता के पास अभी भी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका देने का अंतिम विकल्प बचा हुआ है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने निर्भया मामले के चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत की पांच सदस्यीय बेंच ने पवन की उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें उसने मंगलवार सुबह 6 बजे होने वाली फांसी पर रोक की मांग की थी। पवन कुमार गुप्ता के पास अभी भी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका देने का अंतिम विकल्प बचा हुआ है।
दरअसल, पवन गुप्ता ने शुक्रवार की शाम को शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर की थी। इस पर सोमवार को सुबह नियमित अदालत बैठने से पांच मिनट पूर्व चैम्बर में सुनवाई के लिए लगा लिया था।
ज्ञात हो कि क्यूरेटिव पेटीशन पर न्यायाधीश चैंबर में सर्कुलेशन के जरिए विचार करते हैं। पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति एनवी रमना, अरुण मिश्रा, आरएफ नारिमन, आर भानुमती और अशोक भूषण ने विचार किया और फिर उसे खारिज कर दिया।
पवन गुप्ता ने शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर कर फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया था। इसी के साथ पवन ने अपने वकील के जरिए 3 मार्च की सुबह 6 बजे होने वाली फांसी पर रोक लगाने की भी मांग की थी।
गौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 फरवरी को निर्भया के चारों दोषियों की फांसी के लिए डेथ वारंट जारी किया था, जिसके मुताबिक 3 मार्च की सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल संख्या-3 पर चारों को फांसी दी जाएगी।
आपको बताते चलें कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिण दिल्ली के वंसत विहार इलाके में निर्भया के साथ चलती बस में 6 दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस दौरान राम सिंह, एक नाबालिग, विनय, मुकेश, पवन और अक्षय ने निर्भया को इस कदर शारीरिक प्रताड़ना दी कि उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
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