केंद्र सरकार ने नीलांचल स्टील प्लांट के विनिवेश का रास्ता किया साफ,पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में तैयार होंगे गैस ग्रिड, कोयला खादानों की निलामी होगी आसान
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई अहम फैसले किए हैं, जिनमें नीलांचल स्टील प्लांट का विनिवेश, खादान और कोयला से जुड़े फैसले शामिल हैं। पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में गैस ग्रिड तैयार करने का निर्णय भी लिया गया है। रेलवे के लिए इंग्लैंड के साथ एनर्जी को लेकर समझौते को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई अहम फैसले किए हैं, जिनमें नीलांचल स्टील प्लांट का विनिवेश, खादान और कोयला से जुड़े फैसले शामिल हैं। पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में गैस ग्रिड तैयार करने का निर्णय भी लिया गया है। रेलवे के लिए इंग्लैंड के साथ एनर्जी को लेकर समझौते को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अध्यक्षता में गुजरात के जामनगर में आयुर्वेद संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ इम्पोर्टन्स देने का फैसला भी कैबिनेट ने किया है। नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड में विनिवेश का जो फैसला हुआ है, उसके तहत एमएमटीसी, एनएमडीसी और बीएचईएल आदि के शेयर के कुछ हिस्से का विनिवेश किया जाएगा। इससे नीलांचल स्टील प्लांट का विस्तार होगा।
कैबिनेट ने कोयला खनन को स्टील और पावर को छोड़ दूसरे सेक्टर की माइनिंग कंपनियों के लिए भी खोलने का निर्णय लिया है। कोयला खदानों की नीलामी के नियमों को आसान बनाने के लिए खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दी गई है। इस अध्यादेश के जरिए माइन्स एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेग्युलेशन) एक्ट 1957 और कोल माइन्स (स्पेशल प्रोविजन्स) एक्ट 2015 में बदलाव होगा।
दरअसल, कोयला समेत अन्य सेक्टर की 46 माइन्स की लीज 31 मार्च को खत्म हो रही है। इनकी 31 मार्च से पहले नीलामी अध्यादेश के जरिए संभव हो पाएगी। नीलामी में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि दूसरी कंपनी को आसानी से लीज ट्रांसफर हो जाए और प्रोडक्शन जारी रहे। कैबिनेट ने नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी भी दे दी है।
केंद्र सरकार का कहना है कि एनआईएनएल के विनिवेश से जनहित की योजनाओं के लिए राशि का इंतजाम होगा। यह उम्मीद भी है कि खरीदार नए प्रबंधन, तकनीक और निवेश के जरिए कंपनी को आगे बढ़ाएगा। कारोबार को बढ़ाने के लिए इनोवेटिक तरीकों का इस्तेमाल करने से रोजगार के मौके बढ़ने के भी आसार हैं।
कोल माइनिंग के नियम आसान करने से प्रोजेक्ट लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार होगा। खनिज क्षेत्रों वाले सभी पक्षों को इससे फायदा होगा। खनिज एवं कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी, पेट्रोलियम-नेचुरल गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।
संवादताता सम्मेलन के दौरान ये भी बताया गया कि इंद्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड की पूर्वोत्तंर गैस ग्रिड परियोजना के लिए कम पड़ रही राशि के इंतजाम (वायबिलिटी गैप फंडिंग) की मंजूरी दी गई है। यह अनुमानित लागत (9,265 करोड़ रुपए) के 60 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। फ्रांस के साथ प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते को भी मंजूरी मिली है। इससे दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और छात्रों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, कुशल पेशेवरों के आवागमन को बढ़ावा मिलेगा।
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