कोरोना पेशेंट्स की सांसों के लिए कवायद, बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में बनेगा ऑक्सीजन टैंक

कोरोना पेशेंट्स की सांसों के लिए कवायद, बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में बनेगा ऑक्सीजन टैंक

बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ऑक्सीजन के भंडारण के लिए 20- 20 किलो लीटर का ऑक्सीजन टैंक बनेगा। सिर्फ श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में 20-20 किलोलीटर के दो टैंक बनेंगे। इसके लिए बीएमएसआईसीएल के माध्यम से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 

राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने रविवार को ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मुजफ्फरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 किलोलीटर क्षमता और सौ बेड के पीकू अस्पताल के लिए 20 किलोलीटर क्षमता के टैंक का निर्माण होगा। राज्य में अभी पटना एम्स के पास 30 किलोलीटर,  पारस अस्पताल में 20 किलोलीटर, पटना एनएमसीएच में 10 किलोलीटर व बिहटा ईएसआईसी अस्पताल में 10 किलोलीटर क्षमता का क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक है। इस टैंक में लिक्विड ऑक्सीजन का भंडारण होता है। 

104 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भंडारण की क्षमता 
उन्होंने बताया कि राज्य में अभी 104 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भंडारण की क्षमता है। इनमे 32 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अपने 14 प्लांटों से तथा 72 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन से तैयार ऑक्सीजन के भंडारण की क्षमता शामिल है। एक दिन पूर्व राज्य को 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन गैस मिली है। उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य में अभी ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। राज्य में एक दिन पूर्व 70 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग थी। राज्य में ऑक्सीजन को परिवहन करने के लिए टैंकर और भंडारण क्षमता की भी समस्या है। 

राज्य में ऑक्सीजन टैंक की उपलब्धता 
अस्पताल        ऑक्सीजन टैंक 
पटना एम्स      30 केएल
पारस अस्पताल    20 केएल
एनएमसीएच, पटना 10 केएल
ईएसआईसी, बिहटा  10 केएल