कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन ने पेश की प्रेम और मानवता की मिसाल, धूमधाम से मनाया नन्हे सावक ‘सावन’ का जन्मदिन
वन्य जीवों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में हथिनी कंचम्बा के नन्हे, दुलारे, सबके प्यारे सावक का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। सावन नाम के इस सावक के पहले जन्मदिन पर न केवल केक काटा गया, बल्कि बाकायदा निमंत्रण पत्र भी छापे गए। कार्बेट हाथीशाला में जोरदार जश्न मनाया गया। इस अवसर पर आसपास के स्कूलों से आए बच्चों ने भी सावन के साथ खुशियां मनाई।
यदि कोई आपसे पूछे कि आपके लिए साल का सबसे मैजिकल दिन कौन सा है? और वो कौन का एक दिन है जिसका आप और आपके चाहने वाले सालभर बेसब्री से इंतज़ार करते हैं? तो स्भाविक सी बात है आप कहेंगे आपका जन्मदिन। ऐसा होना लाजमी भी है। क्योंकि कोई कुछ भी भूल जाए पर अपने चाहने वालों का जन्मदिन कभी नहीं भूलता। इतना ही नहीं वह अपने चहेतों का जन्मदिन जमकर मनाता भी है।
वन्य जीवों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। कॉर्बेट के तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में हथिनी कंचम्बा के नन्हे, दुलारे, सबके प्यारे सावक का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। सावन नाम के इस सावक के पहले जन्मदिन पर न केवल केक काटा गया, बल्कि बाकायदा निमंत्रण पत्र भी छापे गए। कार्बेट हाथीशाला में जोरदार जश्न मनाया गया। इस अवसर पर आसपास के स्कूलों से आए बच्चों ने भी सावन के साथ खुशियां मनाई।
धूमधाम से मनाया गया ‘सावन’ का जन्मदिन
जन्मदिन पर सबसे पहले सावन और उसकी मां को सुबह ही नहला धुलाया गया। इसके बाद सावन को पीठ, गर्दन और पांव में वस्त्र पहनाए गए। इसके बाद कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल, पार्क वार्डन शिवराज चंद, कालागढ़ के उपप्रभागीय वनाधिकारी आरके तिवारी, कालागढ़ टाइगर रिजर्व और कार्बेट टाइगर रिजर्व के विभिन्न रेंज के रेंज अधिकारी, कर्मचारियों, स्कूली बच्चों और पत्रकारों के सामने उसकी पसंद का केक लाया गया, जिसे उसने अपनी मां कंचम्बा के साथ सूंड से स्पर्श किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने हैप्पी बर्थडे का घोष करते हुए बधाई सावन को जन्मदिन की दी।
कॉर्बेट अधिकारियों की कमेटी ने रखा ‘सावन’ नाम
दरअसल, वर्ष 2017 में कर्नाटक राज्य से कॉर्बेट पार्क में नौ हाथी लाए गए थे,जिनमें हथिनी कंचम्बा गर्भवती थी। उसने दो अगस्त 2018 को एक नर शावक को जन्म दिया था। उस समय नन्हे शावक को शंभू का नाम दिया गया था। बाद में सावन के महीने में जन्म लेने के अधिकारियों ने उसे सावन नाम दिया। नए मेहमान का नाम रखने के लिए कॉर्बेट प्रशासन के अधिकारियों ने कालागढ़ के वनाधिकारियों और वनकर्मियों ने एक कमेटी बनाई,जिसमें एसडीओ कालागढ़ रमाकांत तिवारी, कॉर्बेट के पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार, हेड महावत कलिका और वनकर्मी शामिल किए गए थे।
140 किलो का बना केक
सावन के जन्मदिन पर 140 किलो का केक बनाया गया। केक गुड़, केला, पटेरा घास, दूब घास, आटे के लड्डू, चरी घास की कुट्टी, गेंहूँ का भूसा मिलाकर बनाया गया और उसे केले के फलों से सजाया गया। उस केक पर एक नंबर की मोमबत्ती भी लगाई गई। हाथीशाला प्रभारी शादाब आलम ने बताया कि कर्मी सूबेदार अली के साथ केक को बनाने के लिए सावन की पसंद का ध्यान रखा गया। केक का वजन 140 किलो, उसका व्यास और ऊंचाई एक मीटर रखी गई। उन्होंने बताया कि सावन को हाथीशाला के सभी कर्मचारी अपने बच्चे की तरह प्यार देते हैं।
हाथियों से की जाती है गश्त
कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल ने बताया कि कर्नाटक से लाए गए हाथियों से कार्बेट टाइगर रिजर्व की सुरक्षा के लिए गश्त का काम लिया जाता है। सावन अभी छोटा है। वह सभी कुछ देख सुन रहा है, समय आने पर वह भी जान जाएगा कि उसका क्या काम है। आज वह बहुत खुश और स्वस्थ है। सावन के साथ सभी खुश हैं।
जश्न में दावत भी दी गई
कार्बेट टाइगर रिजर्व में नन्हे सावन के जन्मदिन पर आए सभी मेहमानों को हाथीशाला की ओर से दावत भी दी गई। हाथी के शावक का जन्मदिन हाथीशाला के माहौल को खुशगवार बना गया। सावन के जन्मदिन पर कालागढ़ के उप प्रभागीय वनाधिकारी आरके तिवारी ने सावन के एक वर्ष के जीवनकाल की जानकारी दी। साथ ही कहा कि सावन जब से हाथीशाला में आया है, तब से उससे सभी को स्नेह हो गया है। इसी के चलते सावन का आज जन्मदिन मनाया गया है।
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