पुलवामा के शहीदों को सलाम : ‘तुम्हारे शौर्य के गीत,कर्कश शोर में खोये नहीं। गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं।, 'हमने भूला नहीं, हमने छोड़ा नहीं।
देश आज पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को याद कर रहा है। पूरा देश उन 40 जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है,जिन्होंने फिदायीन हमले में अपनी जान गंवाई थी। पाकिस्तान की नापाक करतूतों के कारण आज ही के दिन पिछले साल हमने अपने 40 जवानों को खो दिया था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की पहली बरसी पर देश शहीद जवानों को सलाम कर रहा है।
देश आज पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को याद कर रहा है। पूरा देश उन 40 जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है,जिन्होंने फिदायीन हमले में अपनी जान गंवाई थी। पाकिस्तान की नापाक करतूतों के कारण आज ही के दिन पिछले साल हमने अपने 40 जवानों को खो दिया था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की पहली बरसी पर देश शहीद जवानों को सलाम कर रहा है।
सीआरपीएफ ने भी अपने जवानों को याद किया है और लिखा है ‘हमने भूला नहीं, हमने छोड़ा नहीं’। 14 फरवरी को जब हमला हुआ था, तब भी सीआरपीएफ ने कुछ ऐसा ही ट्वीट किया था। सीआरपीएफ ने ट्वीट कर लिखा, ‘तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं। गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं।’ आगे लिखा गया, 'हमने भूला नहीं, हमने छोड़ा नहीं। हम अपने भाईयों को सलाम करते हैं, जिन्होंने पुलवामा में देश के लिए जान दी. हम उनके परिवारों के साथ कंधे से कंधा लगाकर खड़े हैं।’
"तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं।
गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं।।"
साल 2019, दिन 14 फरवरी, समय दोपहर के करीब पौने चार बजे..पूरा देश अपने काम में जुटा था। तभी एक ऐसी खबर आती है जिसके बाद पूरे देश में सन्नाटा छा जाता है। बीते साल 14 फरवरी को देश का शौर्य, पराक्रम, गर्व हमारे देश के जवानों के साथ कुछ ऐसा घट जाएगा,इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। इस हमले की खबर फैलते ही पूरा देश शोकाकुल हो गया।
दरअसल, पुलवामा जिले के लीथोपोरा में सीआरपीएफ जवानों से भरी बस से विस्फोटक से भरी एक गाड़ी टकराती है,उसके बाद होता है एक भीषण धमाका। धमाके का काला धुआं हटा और सामने हमारे देश का अभिमान, हमारे जवानों के क्षत-विक्षत शव धरती पर पड़े थे। स्वर्ग जैसी धरती लहू-लुहान हो चुकी थी। आत्मघाती धमाके के बाद लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही आतंकियों ने सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी।
सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई में आतंकी भाग खड़े हुए। इस हमले में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक इतना शक्तिशाली था कि उसकी आवाज 10-12 किलोमीटर दूर, यहां तक कि पुलवामा से जुड़े श्रीनगर के कुछ इलाकों तक भी सुनी गई थी। तबाही का ऐसा खौफनाक मंजर देख स्थानीय निवासियों का दिल दहल गया। हमला करने वाला पुलवामा का स्थानीय लड़का था। उसकी उम्र महज 20 साल, नाम आदिल अहमद डार था। वो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था। इस हमले की जिम्मेदारी भी इसी समूह ने ली थी।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश के लोगों में गुस्सा भर गया। हर इंसान की जुबान पर एक ही शब्द था,इस हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों और दुश्मन को करारा जवाब दिया जाए और हुआ भी वहीं। भारत ने वो जवाब दिया जिसकी पूरी दुनिया ने कल्पना नहीं की थी। हमले के महज 12 दिन बाद पाकिस्तान से बदला ले लिया गया।
भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी की अहले सुबह पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर दिया। वायुसेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने इतनी तबाही मचाई कि आतंकियों की रूह कांप गई। कितने आतंकी मारे गए इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा तो सामने नहीं आया,लेकिन विदेशी मीडिया ने कहा कि 200 से ज्यादा आंतकी मारे गए। भारत ने बदला भी लिया और ये सुनिश्चित किया कि इस हमले से किसी मासूम की जान न जाए। पाकिस्तान इस हमले में किसी भी तरह के नुकसान से इनकार करता रहा,लेकिन उसे कितनी क्षति पहुंची थी ये पूरी दुनिया जानती है।
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