निर्भया मामला : दिल्ली हाईकोर्ट का महत्पूर्ण फैसला,चारों दोषियों को एक साथ दी जाएगी फांसी,एक सप्ताह के भीतर सभी कानूनी विकल्पों के इस्तामाल का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है,जिसमें निर्भया मामले के चारों दोषियों को एक साथ और जल्द फांसी देने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा है कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि निर्भया मामले के चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी,अलग-अलग नहीं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है,जिसमें निर्भया मामले के चारों दोषियों को एक साथ और जल्द फांसी देने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा है कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि निर्भया मामले के चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी,अलग-अलग नहीं।
हाईकोर्ट ने कहा कि चारों दोषी अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल एक हफ्ते के भीतर कर लें। एक हफ्ते बाद उनके डेथ वॉरंट पर तामील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषियों की फांसी टालने के मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
दरअसल,केंद्र सरकार और तिहाड़ जेल प्रशासन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पटियाला हाउस कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी,जिसमें निर्भया के चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगाई गई थी। इस याचिका पर शनिवार और रविवार को विशेष सुनवाई हुई, जिसके बाद होईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
निर्भया के माता-पिता ने भी मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से केंद्र सरकार की याचिका के जल्द निपटारे के लिए गुहार लगाई थी,जिससे कि दोषियों को जल्द फांसी दी जा सके। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए निर्भया के अभिभावकों को यह आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द आदेश पारित किया जाएगा।
हाईकोर्ट में रविवार को हुई विशेष सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि दुष्कर्मी जानबूझकर और सोचे-समझे तरीके से दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन नहीं दाखिल कर रहे हैं और यह कानूनी आदेश को कुंठित करने का मंसूबा है। उन्होंने फांसी में जरा सी भी देर न किए जाने की अपील की और कहा कि तेलंगाना में लोगों ने दुष्कर्म के दोषियों के एनकाउंटर का जश्न मनाया था। दोषियों की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने दलील दी थी कि अगर दोषियों को मौत की सजा एकसाथ दी गई है, तो उन्हें फांसी भी एक साथ दी जानी चाहिए।
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