JNU हिंसा मामला में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा,विश्वविद्यालय प्रशासन को चार बार लिखा पत्र,छात्र संघ से करने को कहा संवाद
दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंसा मामले में बड़ा खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि उसने विश्वविद्यालय प्रशासन को कम से कम चार बार पत्र लिखकर जेएनयू छात्र संघ के साथ संवाद करने की पहल करने को कहा था। ये पत्र पिछले साल नवंबर और दिसंबर के बीच लिखे गए थे।
दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंसा मामले में बड़ा खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि उसने विश्वविद्यालय प्रशासन को कम से कम चार बार पत्र लिखकर जेएनयू छात्र संघ के साथ संवाद करने की पहल करने को कहा था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये पत्र पिछले साल नवंबर और दिसंबर के बीच लिखे गए थे। वसंत कुंज (उत्तर) थाने के प्रभारी ने 26 नवंबर को जेएनयू के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर कहा था कि छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ 18 नवंबर को प्रदर्शन मार्च के दौरान पुलिस द्वारा दो बार छात्रों को रोका गया। इस दौरान कानून व्यवस्था का मुद्दा पैदा हो गया।
बिते साल 9 नवंबर को छात्रों के एक और प्रदर्शन का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया कि जेएनयू प्रशासन की ओर से छात्रों से मिलने कोई नहीं आया। इससे पहले भी जेएनयू में लेफ्ट के छात्रों ने कुलपति पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। जेएनयूएसयू के सदस्यों ने भी कुलपति द्वारा मामले को अनदेखा करने का आरोप लगाया गया है।
दरअसल, 5 जनवरी को जेएनयू में शाम के वक्त नकाबपोशों ने छात्रों और शिक्षकों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया था, जिसमें करीब 30 से अधिक घायल हो गए थे। इसके बाद जेएनयू में काफी दिनों तक माहौल तनावपूर्ण रहा था। छात्रावास की बढ़ी फीस को लेकर छात्रसंघ के बैनर तले परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान छात्रसंघ के दो गुटों में झड़प हुई। इसके बाद अचानक कुछ नकाबपोश लाठियां लेकर आए और हमला कर दिया। बीच-बचाव में कई प्रोफेसर भी घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 5 जनवरी की शाम करीब 5 बजे बड़ी संख्या में नाकाबपोश साबरमती टी-प्वाइंट पर पहुंच गए। उनके हाथों में लोहे की रॉड, लाठी और हथौड़े सहित अवैध हथियार थे। इन्होंने आते ही छात्रों पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से छात्रों में खलबली मच गई और वे जान बचाने के लिए हॉस्टल की ओर दौड़ने लगे। हमलावरों ने भी पीछा किया और हॉस्टल तक पहुंच गए।
नकाबपोशों ने हॉस्टल की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ ही छात्रों को भी जमकर पीटा। शाम 5 बजे से लेकर रात 9 बजे तक हमलावर परिसर के अंदर ही मौजूद रहे। ये खुलेआम परिसर में घूमते रहे। जिन किसी ने भी इनका विरोध किया उसे इन्होंने जमकर पीटा। छात्रों का आरोप है कि नकाबपोश अलग-अलग गेटों से परिसर में पहुंचे थे, जिनकी संख्या 200 से ज्यादा थी।
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