Corona Update : कोरोना संकट के बीच फुसरो में यूनाईटेड कोल वर्कर्स यूनियन का प्रदर्शन,प्रधानमंत्री के नाम एसडीओसीएम परियोजना पदाधिकारी को सौंपा मांग पत्र,कामगारों की समस्याओं के समाधान की अपील
विश्वव्यापी कोरोना संकट रे बीच बोकारो जिला के फुसरो में मजदूर संगठन यूनाईटेड कोल वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने एक मांग पत्र के माध्यम से 15 बिंदुओं के प्रति प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करवाया है। मांग पत्र में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों और श्रमिकों को जल्द से जल्द अपने घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से सभी सुविधा मुहैया कराई जाए और उनसे कोई किराया नहीं लिया जाए।
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच धरना-प्रदर्शन और सरकार को मांग पत्र सौंपने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। देश के तमाम मजदूर संगठनों की तरह हमेशा से मजदूरों और कामगारों की आवाज उठाने वाले मजदूर संगठन यूनाईटेड कोल वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी बोकारो जिला के फुसरो में प्रदर्शन किया और कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी कोकिंग कोल लिमिटेड के एसडीओसीएम परियोजना पदाधिकारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक मांग पत्र सौंपा।
यूनियन के पदाधिकारियों ने मांग पत्र के माध्यम से 15 बिंदुओं के प्रति प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करवाया है। मांग पत्र में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों और श्रमिकों को जल्द से जल्द अपने घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से सभी सुविधा मुहैया कराई जाए और उनसे कोई किराया नहीं लिया जाए।
मांग पत्र में राज्य सरकारों को धन राशि जारी करने और सबसे ज्यादा प्रभावित कामकाजी आबादी को राहत कार्य के लिए विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की गई है। मांग पत्र में कहा गया है कि उन क्षेत्रों में जहां काम फिर से शुरू होने जा रहा है,वहां नियोक्ता द्वारा साबून और सेनीटाइजर जैसी अवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था सुनिश्टच की जाए।
यूनियन के मांग पत्र में सभी जरूरतमंदों को बिना किसी दस्तावेज के राशन देने, मनरेगा के अंतर्गत कम करने के दिनों की संख्या बढ़ाने, मजदूरों के साथ महंगाई भत्ता और अन्य सुविधाएं दिए जाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जब तक रोजगार नहीं मिलता तब तक सभी श्रमिकों के परिवारों को 7500 रुपये दिए जाने की मांग की गई है।
यूनाईटेड कोल वर्कर्स यूनियन ने कहा है कि उज्जवला गैस योजना का लाभ सिर्फ पंजीकृत लोगों तक सीमित नहीं रखते हुए सभी श्रमिक परिवारों को दिया जाए,जिन्हें उसकी भी जरूरत है। प्रवासी मजदूरों को नगद हस्तांतरण नहीं हो रहा है,उसमें सुधार करने,सरकार और नियोक्ता द्वरा जहां कारखाने दोबारा खुलेंगे, वहां मजदूरों की छटनी करने की साजिश पर रोक लगाने पंजीकृत और अपंजीकृत कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता और पेशनभोगियों के लिए महंगाई राहत में लगाई गई रोक वापस लेने की भी मांग की गई है।
प्रधानमंत्री से श्रम कानून के तहत 8 घंटा से बढ़ाकर 12 घंटा काम के आदेश को वपस लेने, शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू करने, प्रधानमंत्री केयर फंड को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के अलावा कोविड-19 से लड़ने के लिए धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों से टैक्स के रूप में योगदान कराने की अपील भी की गई है।
प्रदर्शन के में भीम महतो, जीतेंद्र दुबे, जवाहर लाल यादव, रामचंद्र मांझी, राम नारायण महतो, राजू महतो, भूवनेश्वर महतो, राजकुमार, रामलाल, बाबूराम समेत कई अन्य पदाधकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन किया गया।
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