Corona Update : महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 17 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत,रेलवे ट्रैक पर सो रहे श्रमिकों के ऊपर से मालगाड़ी गुजरने से हुआ हादसा
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 17 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई है। हासदा उस वक्त हुए जब मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे और उनके ऊपर से तेज रफ्तार ट्रेन गुजर गई। यह हादसा औरंगाबाद जालना रेलवे लाइन पर हुआ। करमाड पुलिस मौके पर है। आरपीएफ और स्थानीय पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 17 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई है। हासदा उस वक्त हुए जब मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे और उनके ऊपर से तेज रफ्तार ट्रेन गुजर गई। इस हादसे में फिलहाल कम से कम चार लोगों के घायल होने की सूचना है। यह हादसा औरंगाबाद जालना रेलवे लाइन पर हुआ। करमाड पुलिस मौके पर है। आरपीएफ और स्थानीय पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है।
साउथ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ ने बताया कि हादसा औरंगाबाद के करमाड के नजदीक हुआ है। यह हादसा मालगाड़ी के गुजरने के बाद हुई है। ये हादसा औरंगाबाद-जालना रेलवे लाइन पर शुक्रवार सुबह 6.30 बजे के करीब हुआ है। ये सभी प्रवासी मजदूर अपने घर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पैदल जा रहे थे और आराम करने के लिए पटरी के पास रुके थे। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन औ रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं।
करमाड पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी मजदूर जालाना से भुसावल की ओर जा रहे थे। सभी को मध्य प्रदेश जाना था। उन्होंने कहा कि सभी रेलवे ट्रैक के किनारे-किनारे चल रहे थे। इसी दौरान थकान होने से वे रेलवे ट्रैक पर ही सो गए।
कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण देशभर में मजदूर फंस गए थे. कई जगह से हजारों की संख्या में मजदूर पैदल ही अपने गांव-घर की ओर निकल रहे थे। ऐसे में रात को रुकने के लिए सैकड़ों मजदूरों ने रेलवे ट्रैक का सहारा लिया।
बीते दिनों केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों को उनके राज्य वापस भेजने की इजाजत दे दी गई थी। जिसके बाद राज्य सरकारों ने बसों की व्यवस्था कर अपने मजदूरों को बुलाया। इसके अलावा रेलवे की ओर से स्पेशल श्रमिक ट्रेन भी चलाई गई हैं, जो मजदूरों को उनके राज्य पहुंचा रही हैं।
लॉकडाउन का जब पहली बार ऐलान हुआ था, उसके बाद से ही लाखों की संख्या में मजदूर जहां पर थे, वहां फंस गए थे। खाने, रोजगार की चिंता में लिप्त मजदूर पैदल ही अपने गांवों की ओर चल दिए थे, इसके पहले भी रास्ते में हुए कुछ एक्सिडेंट में प्रवासी मजदूर अपनी जान बीते दिनों गंवा चुके हैं।
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