Corona Update : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात आठ बजे राष्ट्र को करेंगे संबोधित, लॉकडाउन, अर्थव्यवस्था और प्रवासी मजदूरों के मद्देनजर कर सकते हैं बड़ा ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। देश में लॉकडाउन के 54 दिन में यह उनका पांचवां देश के नाम संदेश होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर राष्ट्र के नाम संबोधन की जानकारी दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के बीच आगे के फैसलों की जानकारी प्रधानमंत्री इस संबोधन में देंगे। प्रधानमंत्री इस बार वे लॉकडाउन के चौथे चरण पर बातचीत कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। देश में लॉकडाउन के 54 दिन में यह उनका पांचवां देश के नाम संदेश होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर राष्ट्र के नाम संबोधन की जानकारी दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के बीच आगे के फैसलों की जानकारी प्रधानमंत्री इस संबोधन में देंगे। प्रधानमंत्री इस बार वे लॉकडाउन के चौथे चरण पर बातचीत कर सकते हैं।
लॉकडाउन के चौथे चरण पर कोई भी फैसला लेने के पहले पहले प्रधानमंत्री ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों से करीब 6 घंटे बातचीत की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था, 'उनका दृढ़ मत है कि लॉकडाउन के पहले तीन चरणों में जिन उपायों की जरूरत थी, वे चौथे में जरूरी नहीं हैं।’ उन्होंने मुख्यमंत्रियों से 15 मई तक व्यापक रणनीति के लिए सुझाव देने को कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में लॉकडाउन की व्यवस्था से कैसे निपटना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम अर्थव्यवस्था खोलने पर काम कर रहे हैं। अभी हमारी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना का संक्रमण गांवों तक ना पहुंचे। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि आप मुझे एक विस्तृत योजना बनाकर दें कि अपने राज्यों में आप लॉकडाउन पीरियड से कैसे निपटेंगे। मैं चाहता हूं कि राज्य एक ब्लू प्रिंट बनाएं जिसमें लॉकडाउन और उसमें धीरे-धीरे राहत दिए जाने के दौरान उन सभी बारीकियों का जिक्र हो, जिनका सामना राज्यों करना होगा।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति पर विस्तृत चर्चा की और कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए संतुलित रणनीति बनाने की जरूरत है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि गांव इस महमारी से मुक्त रहें। उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने दो चुनौतियां है। इस बीमारी के संक्रमण की दर घटाना और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सार्वजनिक गतिविधियों को धीरे-धीरे बढ़ाना। हमें दोनों ही उद्देश्यों को हासिल करने के लिए काम करना होगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखना ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तब तक हथियार है जब तक हम टीका या हल नहीं ढूंढ़ नहीं लेते। उन्होंने कहा था, 'हमें समझना होगा कि दुनिया कोविड-19 के बाद बदल गयी है। अब दुनिया विश्वयुद्ध की भांति ही कोरोना पूर्व, कोरोना बाद, के रूप में होगी। और हम कैसे काम करते हैं, उसमें इससे कई अहम बदलाव होंगे।' प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन का नया मार्ग ‘जन से जग तक' के सिद्धांत पर होगा।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ 6 घंटे चर्चा की। 7 राज्यों महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और असम ने लॉकडाउन बढ़ाने की पैरवी की। वहीं, बिहार, तेलंगाना और तमिलनाडु ने ट्रेनें चलाने पर सवाल उठाए हैं। गुजरात ने लॉकडाउन सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक सीमित रखने की बात कही है। देश में पहला लॉकडाउन 25 मार्च से 14 अप्रैल तक और दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से 3 मई तक रखा गया था। इसके बाद तीसरे फेज का लॉकडाउन 4 मई से 17 मई तक है।
आपको बताते चलें कि प्रधानमंत्री ने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था और जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। 22 मार्च को देशभर में सबकुछ बंद रहा। शाम को लोगों ने घरों के अंदर से ही कोरोना योद्धाओं का ताली और थाली बजाकर आभार जताया था। 24 मार्च को देश को संबोधित किया और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोग घरों में रहने की लक्ष्मण रेखा का पालन करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने 3 अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी किया। इस दौरान लोगों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर घरों में दीए, मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता दिखाने की अपील की थी। 14 अप्रैल को एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जान है तो जहान है। जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था, तो शुरुआत में इस पर जोर दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है। देश के ज्यादातर लोगों ने बात को समझा और घरों में रहकर दायित्व निभाया।
Comments (0)