Corona Update : ICMR ने कोरोना की रैपिड टेस्टिंग पर लगाई रोक,दो दिन बाद जारी होंगे दिशा-निर्देश,राजस्थान-पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से मिली थी शिकायत
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर राज्यों के लिए एक परामर्श जारी किया है। आईसीएमआर ने कहा कि सभी राज्यों में रैपिड टेस्ट किट बांटी गई है,लेकिन कुछ राज्यों से किट संबंधी कुछ शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद टेस्टिंग पर रोक लगा दी गई है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर राज्यों के लिए एक परामर्श जारी किया है। आईसीएमआर ने कहा कि सभी राज्यों में रैपिड टेस्ट किट बांटी गई है,लेकिन कुछ राज्यों से किट संबंधी कुछ शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद टेस्टिंग पर रोक लगा दी गई है।
आईसीएमआर ने राज्य सरकारों को अगले दो दिनों तक रैपिड टेस्टं किट का इस्तेममाल नहीं करने का निर्देश दिया है। आईसीएमआर ने कहा है कि इस बाबत दो दिन के बाद दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। आईसीएमआर ने कहा कि अभी तक 4 लाख 49 हजार 810 टेस्ट हुए हैं। सोमवार को 35 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए थे।
राजस्थान सरकार ने जांच परिणाम सही नहीं पाए जाने के कारण कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए त्वरित जांच किट का इस्तेमाल मंगलवार को रोक दिया है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि इन किट से परीक्षणों के परिणाम के बारे में एक रिपोर्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को भेजी गई है। मंत्री के अनुसार इस किट से केवल पांच प्रतिशत सही या वैध परिणाम मिले हैं।
मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा, 'पहले ही संक्रमित पाए गए 168 मामलों में इस किट से परीक्षण किया गया। लेकिन इसका परिणाम केवल 5.4 प्रतिशत ही सही आ रहा है और जब परिणाम सही नहीं हैं,तो इससे परीक्षण करने का क्या फायदा है।' डॉ. शर्मा ने कहा कि जब पहले से ही संक्रमित पाए गए मामलों में ही किट का प्रयोग असफल हो गया,तो इससे प्रयोग का कोई फायदा नहीं। उन्होंने कहा, 'वैसे भी ये परीक्षण अंतिम नहीं थे,क्योंकि बाद में पीसीआर टेस्ट करना होता था। हमारे चिकित्सकों के दल ने सलाह दी है कि इससे जांच का कोई फायदा नहीं है।'
राजस्थान सरकार ने इन परिणामों को आईसीएमआर को भेजकर पूछा है कि त्वरित जांच किट से आगे परीक्षण जारी रखा जाए या नहीं? राजस्थान पहला राज्य है जिसने शुक्रवार से त्वरित जांच किट का इस्तेमाल शुरू किया था।
पश्चिम बंगाल सरकार ने इससे पहले आरोप लगाया कि आईसीएमआर की नोडल एजेंसी एनआईसीईडी ने राज्य में कोविड-19 संबंधी जांच के लिए जिन किट की आपूर्ति की है, वे जाहिर तौर पर खराब हैं। सरकार ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि ये किट अनिर्णायक परिणाम दर्शाती हैं, जिसके कारण पुष्टि के लिए बार-बार जांच करनी पड़ती है और बीमारी का पता लगाने में देरी होती है।
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