कोरोना पर 1 अरब टीकों का वार, संक्रमण की होगी हार; जानिए कहां लगीं कितनी वैक्सीन
देश ने कोरोना के खिलाफ जंग में एक बड़ी सफलता हासिल कर ली है। सुदूर पहाड़ी इलाकों से लेकर समुद्र तटीय क्षेत्रों तक में जिस तरह से वैक्सीनेशन का अभियान तेजी से चला है, वह काबिलेतारीफ है। इसी साल 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण के बाद अब से आज तक 1 अरब से ज्यादा कोरोना टीके लोगों को लगाए जा चुके हैं। देश ने 280 दिनों में इस बड़ी सफलता को हासिल किया है और शायद इसी का नतीजा है कि कई राज्यों में तो नए केसों की संख्या 100 से भी कम रह गई है। यही नहीं देश भर का आंकड़ा भी पिछले 5 दिनों से लगातार 15,000 से कम बना हुआ है। देश में कई दिन तो 1 करोड़ से ज्यादा टीके लगे और पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें तोहफा देते हुए 2.5 करोड़ से ज्यादा टीके लगाए थे।
राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा 12 करोड़ 21 लाख से ज्यादा टीके लग चुके हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में आंकड़ा 9.32 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 6.85 करोड़ का है। गुजरात और मध्य प्रदेश भी टीकाकरण के मामले में क्रमश: चौथे और 5वें नंबर पर हैं। गुजरात में अब तक 6,76,68,189 टीके लग चुके हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 6,72,24,546 टीके लगे हैं। यही नहीं हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में हर वयस्क नागरिक को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है। यही नहीं हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में तो सभी वयस्कों को दोनों टीके लग चुके हैं।
सुरक्षा चक्र के दायरे में आए देश के 75 फीसदी लोग: हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया ने इस आंकड़े को पार करने पर खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया कि पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व के चलते ही यह संभव हो पाया है। देश के 75 फीसदी वयस्कों को अब तक कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज दी जा चुकी है। इसके अलावा 31 फीसदी लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं। साफ है कि कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ी संख्या में लोगों ने खुद को सुरक्षा चक्र के दायरे में ला दिया है। यही नहीं देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। पहले 10 करोड़ टीके लगने में देश को 85 दिनों का वक्त लगा था, जबकि 20 करोड़ का आंकड़ा अगले 45 दिनों में ही हासिल हो गया था। इसके बाद अगले 10 करोड़ टीके सिर्फ 29 दिनों में ही लग गए थे।
16 जनवरी से हुई थी देश में कोरोना टीके लगने की शुरुआत: टीके लगने की रफ्तार और कोरोना पर लगातार बढ़ती ही गई। 30 से 40 करोड़ का आंकड़ा देश ने 24 दिनों में और फिर 50 करोड़ का नंबर 20 दिनों में ही हासिल कर लिया था। यह आंकड़ा देश ने 6 अगस्त को छुआ था और उसके बाद सिर्फ 76 दिनों में यानी ढाई महीने में देश ने अगले 50 करोड़ टीकों के साथ 1 अरब के आंकड़े को पार कर लिया है। देश में 16 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। पहले राउंड में देश भर में हेल्थवर्कर्स को टीका लगाने का फैसला लिया गया था। इसके बाद 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगना शुरू हुआ था।
1 मई से हर वयस्क को टीका लगाने की हुई थी शुरुआत: इस दायरे को आगे बढ़ाते हुए 1 मार्च से 60 साल से अधिक आयु के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र वाले गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को टीका लगाने की शुरुआत हुई थी। फिर 1 अप्रैल से केंद्र सरकार ने 45 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत की थी। यही नहीं इस अभियान को और गति देते हुए सरकार ने 1 मई से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के टीकाकरण का फैसला लिया था। उस फैसले के महज 6 महीने के बाद ही 1 अरब का आंकड़ा पार करना देश के लिए बड़ी उपलब्धि है।
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